Rastriye Poshan Mission Abhiyan 2024 मिलेंगे 5000

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Rastriye Poshan Mission Abhiyan/राष्ट्रीय पोषण मिशन अभियान (national neutrition mission scheme) जो पोषण अभियान के नाम से भी जाना जाता है इसे 8 मार्च 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान से लांच किया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य कुपोषण को पूरी तरह से खत्म करना और बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करने वाले मतों में पोषण स्तर को व्यापक स्तर पर सुधार लाना है राष्ट्रीय पोषण मिशन अर्न्तगत कुपोषण को चरणबद्ध तरीके से दूर करने के लिए आगामी 03 वर्षो के लिए लक्ष्य निर्धारित किये गये है-

Rastriye Poshan Mission Abhiyan 2024 मिलेंगे 5000 2024 के प्रमुख लक्ष्य:-

  1. कुपोषण की दर में कमी: मिशन का लक्ष्य 0-6 वर्ष के बच्चों में कुपोषण की दर में सालाना 2% की कमी लाना है।
  2. स्टंटिंग और वेस्टिंग में कमी: बच्चों में स्टंटिंग और वेस्टिंग की घटनाओं को कम करना।
  3. एनीमिया की दर में कमी: बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में एनीमिया की दर को सालाना 3% कम करना।
  4. कम जन्म वजन की घटनाओं को कम करना: नवजात शिशुओं में कम वजन की घटनाओं को सालाना 2% तक कम करना।

Rastriye poshan mission Abhiyan के कार्यान्वयन की रणनीति:-

  1. प्रौद्योगिकी का उपयोग:
  • ICDS-CAS (Common Application Software): आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों के लिए डेटा संग्रहण और मॉनिटरिंग के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन ए जान से इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन देखा जा सकता है क्योंकि अभी तक अभी तक के सर्वे के अनुसार यह देखा जा सकता है कि राष्ट्रीय पोषण मिशन अभियान जितना तेजी से चलना चाहिए था उतना तेजी से नहीं चल पा रहा है गांव में आज भी देखा जा रहा है कि बच्चों को पोषण के शिकार हो रहे हैं जिसका प्रमुख कारण है खानपान में कमी
  • अलर्ट और रिमाइंडर: पोषण संबंधी सेवाओं के वितरण और निगरानी के लिए रियल-टाइम अलर्ट और रिमाइंडर।
  1. स्वास्थ्य शिक्षा पेयजल और स्वच्छता जैसे विभिन्न विभागों का आपस में सहयोग:
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और स्वच्छता जैसे विभिन्न विभागों के साथ एक साथ काम करने से यह होगा की सभी विभाग को एक दूसरे की समझ होगी कि अगर कोई कहीं पर पीछे रह जा रहा है तो दूसरा विभाग राष्ट्रीय पोषण मिशन अभियान को चलाने में उसकी सहायता कर सकता है
  • स्वास्थ्य और पोषण दिवस: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य और पोषण दिवस का आयोजन समय-समय पर करना जिससे कि लोगों में स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरूक हो सके.साथ ही साथ पोषण दिवस मनाते समय यह सुनिश्चित किया जाए की पोषण दिवस को धूमधाम से मनाया जा रहे हैं जिसमें बच्चे बूढ़े स्त्री तथा नौजवान सभी है को सम्मिलित होना आवश्यक हो।
  • स्वास्थ्य और पोषण सर्वेक्षण: समय-समय पर स्वास्थ्य और पोषण संबंधी सर्वेक्षण करना की कौन से गांव में या दूर के कस्बे में को पोषण की सबसे ज्यादा समस्या आ रही है तथा आज भी जब स्वास्थ्य पोषण मिशन चलाया जा रहा है तो कहां पर कौन से गांव कस्बे हैं जहां तक के पहुंच पा रहा है और कौन से ऐसे गांव या कश्मीर है जहां पर यह नहीं पहुंचपा रहे हैं
  • रियल-टाइम मॉनिटरिंग: आंगनवाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों पर रियल-टाइम डेटा मॉनिटरिंग की सुविधा हो जिससे सभी ज्ञान में थोड़ा सा भी विलंब हो तो उसे ट्रैक कर ऊपर से सही करने का काम किया जाए
  1. कपैसिटी बिल्डिंग:
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कर्मियों और सामुदायिक कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाए जिससे इनका मनोबल इस काम में बड़ा रहे तथा उनके एफिशिएंसी तथा कार्य दक्षता को अभूतपुर बढ़ाया जाए
  • मॉड्यूल डेवलपमेंट: पोषण संबंधी सेवाओं के बेहतर वितरण के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल का विकास इसके लिए मॉडल डेवलपमेंट पर काम किया जाए अर्थात लोगों को एक बेहतर तरीके से समझाया जाए की स्वास्थ्य और पोषण के लिए क्या जरूरत है उसके लिए एक ढांचा तैयार किया जाए बोले तो सैंपल जिससे कि लोग आसानी से समझ सके

Rastriye Poshan Mission Abhiyan 2024 की प्रमुख पहल:-

  1. पोषण माह: हर साल सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है जिसमें विशेष गतिविधियाँ और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  2. राशन वितरण सुधार: आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषक तत्वों से भरपूर राशन का वितरण।
  3. सप्लीमेंटरी न्यूट्रिशन: बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पूरक पोषण की व्यवस्था।
  4. प्रोजेक्ट SAMBAL: गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए विशेष देखभाल और उपचार सेवाएं।

Rastriye Poshan Mission Abhiyan 2024 में आंगनवाड़ी केंद्रों की भूमिका:-

  • मल्टी-सर्विस सेंटर: आंगनवाड़ी केंद्र न केवल पोषण सेवाएं बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण की भी सेवाएं प्रदान करते हैं अर्थात आंगनबाड़ी की सेवा के बारे में हमें अच्छे से जाना आवश्यक है तथा उसके महत्व , प्रायोरिटी को समझना आवश्यक है तभी हम आंगनबाड़ी केंद्र का लाभ उठा सकते हैं
  • समुदाय का सशक्तिकरण: स्थानीय समुदाय को पोषण के महत्व के बारे में शिक्षित करना और उन्हें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना की जो आप काम कर रहे हैं वह एक देश सेवा है अब जिसकी सेवा कर रहे हैं वह आपके आसपास के रहने वाले लोग ही हैं
  • इस मिशन के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषण किया जाता है क्योंकि जब तक केंद्र का राज्य को सहायता प्रदान नहीं होगी राज्य सरकार के लिए भी अत्यंत कठिन हो जाएगा कि इतने बड़े स्तर पर पोषण अभियान चलाया जाए जहां पर देश की 80% से ज्यादा जनसंख्या आज भी गरीबी रेखा से नीचे है
  • बजट आवंटन: इस योजना के लिए कुल 9,046.17 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 5,007.67 करोड़ रुपये और राज्य सरकारों का हिस्सा 4,038.50 करोड़ रुपये है बजट आवंटन को केंद्र व राज्य दोनों सरकार द्वारा और बढ़ाने की आवश्यकता है तथा साथ ही यह निगरानी रखने की आवश्यकता है कि बजट का सही उपयोग हो बजट का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा निचले स्तर पर यानी डायरेक्ट बेनिफिशियरी को हो तथा अगर बजट का एक हिस्सा विज्ञापन पर या फिर लोगों को जागरूक करने में, ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने में खर्च हो रहा है तो इस बजट का भी ध्यान रखा जाए कि सभी जगह जितना जरूरत हो उतना ही खर्च किया जाए तथा ज्यादा से ज्यादा पैसा डायरेक्ट बेनिफिशियरी अर्थात बच्चे जो कुपोषण का शिकार हो उन तक पहुंच सके. महिलाओं तक पहुंच सके जो गर्भवती हो।

Rastriye Poshan Mission Abhiyan 2024 से मिलते जुलते अन्य योजना:-

  1. एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS)
  • लॉन्च वर्ष: 1975
  • लक्ष्य: 0-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा सेवाएं प्रदान करना।
  • सेवाएं: पूरक पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य परामर्श, प्री-स्कूल शिक्षा।

2. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना:-

  • लॉन्च वर्ष: 2017
  • लक्ष्य: पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना ताकि वे उचित पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकें।
  • लाभ: तीन किश्तों में 5,000 रुपये की धनराशि।

3. मिड-डे मील योजना (MDMS):-

  • लॉन्च वर्ष: 1995
  • लक्ष्य: सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को पोषक आहार प्रदान करना।
  • लाभ: स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और ध्यान में सुधार, पोषण की स्थिति में सुधार।

4. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM):-

  • लॉन्च वर्ष: 2013 (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के रूप में)
  • लक्ष्य: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार और पोषण सेवाओं का संवर्धन।
  • कार्यक्रम: जननी सुरक्षा योजना (JSY), जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (JSSK), राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK)।

5. सबरमति पोषण योजना:-

  • राज्य सरकार की योजना (गुजरात)
  • लक्ष्य: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण सेवाएं प्रदान करना।
  • लाभ: पूरक पोषण, स्वास्थ्य जांच, पोषण शिक्षा।

6. किशोरी शक्ति योजना (KSY):-

  • लॉन्च वर्ष: 2000
  • लक्ष्य: किशोरियों को स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और जीवन कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • कार्यक्रम: स्वास्थ्य जांच, पोषण शिक्षा, जीवन कौशल विकास।

7. स्वच्छ भारत मिशन (SBM):-

  • लॉन्च वर्ष: 2014
  • लक्ष्य: भारत को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त बनाना, जिससे स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार हो सके।
  • लाभ: स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई के माध्यम से पोषण में सुधार।

8. अन्नपूर्णा योजना:-

  • लक्ष्य: 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के गरीब वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त भोजन प्रदान करना।
  • लाभ: प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति माह।

9. राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम (NIDDCP):-

  • लक्ष्य: आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों को रोकना और नियंत्रित करना।
  • कार्यक्रम: आयोडीन युक्त नमक का प्रचार और वितरण।

10. विवेकानंद ट्राइबल हॉस्टल योजना:-

  • लक्ष्य: आदिवासी बच्चों को पोषक आहार और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना।
  • लाभ: हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए संतुलित आहार और स्वास्थ्य जांच।

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