BIHAR HELP:में 2024 में अपने जमीन का नया पेपर कैसे निकालें। जो कहीं खो गया है।निकालने में कितना पैसा लगेगा।

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दोस्तों इस आर्टिकल में आपको सब कुछ जानने को मिलेगा कि BIHAR HELP:में 2024 में अपने जमीन का नया पेपर कैसे निकालें। जो कहीं खो गया है।निकालने में कितना पैसा लगेगा। इत्यादि सबकुछ बताएँगे बिहार में चल रहे सर्वे को लेकर आ रही परेशानी को दूर करके आपको हेल्प करने के लिए उत्सुक हैं तो चलिए आगे बढ़ते हैं

BIHAR HELP: आपके पास केवाला था और खो गया है लेखिन खाता/खेसरा संख्या आपको पता है:-

इसके लिए आपको रजिस्टार ऑफिस जाना होगा जिसमें आपको एक न्यूनतम ₹500 से 1000 रुपया का राशि देकर और अपने खाता संख्या और खेसरा संख्या बता कर आप अपना केवाला/रजिस्टर डीड निकलवा सकते हैं। जो पूरी तरह से सर्टिफाइड होगा। अर्थात रजिस्टरार ऑफिसर का हस्ताक्षर तथा मुहर लगा होगा जो सभी जगह काम आएगा।

BIHAR HELP: अगर आपको खाता संख्या है या खेसरा संख्या कुछ नहीं पता है तो क्या करें:-

BIHAR HELP खाता संख्या/ खेसरा संख्या निकालना:- इसके लिए सबसे पहले आपको खाता संख्या खेसरा संख्या निकलवाना होगा जो कि आप अमीन से या लेखपाल से या राजस्व कर्मचारी से संपर्क करके निकलवा सकते हैं जो कि आपके पंचायत में ही रहते हैं। अगर खाता संख्या या खेसरा संख्या आपको मिल जाता है तो आप खतियान भी आसानी से निकाल सकते हैं खतियान मतलब कि आपका जमीन जो दादा ,पर दादा के हैं उस जमीन का पेपर निकालना चाहते हैं तो उसे खतियान बोलते हैं। यह खाता संख्या तथा खेसरा संख्या आप ऑनलाइन भी निकाल सकते हैं लेकिन इसमें आपको सिर्फ नंबर की जानकारी मिलेगा यह जो कागज निकालेंगे कहीं पर वैलिड नहीं होगा। अर्थात ऑनलाइन निकल गए कागज के आधार पर आप किसी को चैलेंज नहीं कर सकते हैं /आप किसी पर केस नहीं कर सकते कि यह जमीन मेरा है।

खाता संख्या या खेसरा संख्या ऑनलाइन निकालने की प्रक्रिया

  1. इसके लिए आपको बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना है
  2. उसके बाद आपको अपना जिला, अनुमंडल तथा प्रखंड को सेलेक्ट कर उस प्रखंड में आने वाले मौजा को सेलेक्ट करना है।
  3. मौजा सेलेक्ट करने के बाद आपको खाता खोजें पर क्लिक करना है
  4. खाता संख्या का फैक्टर संख्या खोजने के लिए ऑफिशल वेबसाइट :क्लिक हेअर
  5. नीचे आपको ऑफिशल वेबसाइट का एक होम पेज का फोटो दिया गया है।

** आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है अगर आपका दादा पर दादा का जमीन है, मतलब आजादी के पहले भी अगर कोई सर्वे हुआ है तो उसका खतियान भी आप निकल पाएंगे।

BIHAR HELP: सर्वे के बारे में टेबल से समझते हैं :-

बिहार में चल रहे भूमि सर्वे को लेकर एक टेबल बनाने के लिए, आप निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं को शामिल कर सकते हैं:

BIHAR HELP:सर्वे का मुख्य बिंदुBIHAR HELP:सर्वे का विवरण
BIHAR HELP:सर्वे का उद्देश्यभूमि के स्वामित्व की पहचान, सीमा निर्धारण, भूमि उपयोग का आकलन, और विवादों का समाधान।
BIHAR HELP:सर्वे का क्षेत्रबिहार के विभिन्न जिलों और गांवों में किया जा रहा है।
BIHAR HELP:सर्वे की पद्धतिआधुनिक तकनीक जैसे GPS, GIS और ड्रोन का उपयोग करके किया जा रहा है।
BIHAR HELP:सर्वेयर की टीमराज्य सरकार के कर्मचारी, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर विशेषज्ञ, और अन्य तकनीकी सलाहकार।
BIHAR HELP:सर्वे का समयसीमाप्रारंभिक सर्वे अप्रैल 2024 में शुरू हुआ है और पूरा होने की उम्मीद 2025 के अंत तक है।
BIHAR HELP:नक्शा और डेटाडिजिटल नक्शे और डेटा का संग्रहण किया जा रहा है, जो भूमि रजिस्टर और कैडेस्ट्रल रिकॉर्ड के साथ मेल खाता है।
BIHAR HELP:प्रस्तावित सुधारपुराने रिकॉर्ड को अपडेट करना, सीमा विवादों को हल करना, और भूमि उपयोग योजनाओं में सुधार करना।
BIHAR HELP:जनता की भागीदारीस्थानीय नागरिकों से टिप्पणियाँ और आपत्तियाँ मांगी जा रही हैं, और उनकी सहमति प्राप्त की जा रही है।
BIHAR HELP:विवाद निवारणभूमि विवादों के समाधान के लिए विशेष समितियाँ और कानूनी प्रक्रियाएँ लागू की जा रही हैं।
BIHAR HELP:सर्वे की रिपोर्टसर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी और संबंधित विभागों के साथ साझा की जाएगी।

इस टेबल में बिहार में चल रहे भूमि सर्वे के प्रमुख बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है, जो सर्वे के उद्देश्यों, प्रक्रियाओं, और अपेक्षित सुधारों को समझने में मदद करेगा।

BIHAR HELP: 2024 में अपने जमीन का नया पेपर कैसे निकालें। अगर आपके पास खतियान था और खो गया है लेखिन खाता/खेसरा संख्या आपको पता है :-

इसके लिए भी आपको रजिस्टार ऑफिस जाना होगा वहां पर आवेदन लिखना होगा जिसके 1,2 दिन के अंदर आपको अपना खतियान का पेपर मिल जाएगा जो पूरी तरह से सर्टिफाइड होगा अर्थात उस पर साइन मोहर लगा होगा और उसे आप कहीं भीउपयोग कर सकते हैं।

BIHAR HELP: इसे भी पढ़ें :-

भारत में भूमि और संपत्ति से संबंधित विभिन्न कानूनी दस्तावेज़ और संख्याएँ महत्वपूर्ण होती हैं, खासकर जब किसी संपत्ति का लेन-देन, खरीद-फरोख्त, या अन्य कानूनी कार्यवाही की जाती है। निम्नलिखित विवरण इन मुख्य दस्तावेज़ों और संख्याओं के बारे में हैं:

BIHAR HELP: 1. खाता संख्या (Account Number):-

यह संख्या भूमि रिकॉर्ड में एक विशेष भूमि खाता की पहचान के लिए उपयोग की जाती है। यह भूमि के मालिक का खाता नंबर होता है, जिसे स्थानीय पटवारी या राजस्व अधिकारी द्वारा असाइन किया जाता है। यह संख्या भूमि के लेन-देन, काश्त, और कर संबंधित गतिविधियों को ट्रैक करने में मदद करती है।

BIHAR HELP: 2. खेसरा संख्या (Khasra Number):-

खेसरा संख्या एक भूमि के विशेष हिस्से की पहचान के लिए उपयोग की जाती है। यह संख्या जमीन के अलग-अलग हिस्सों (प्लॉट्स) को ट्रैक करने के लिए होती है और इसे आमतौर पर भूमि रिकॉर्ड (जैसे कि खेत या कृषि भूमि) में दिया जाता है। यह संख्या भूमि के खसरा या काश्त रिकॉर्ड में शामिल होती है और विभिन्न भूमि परिक्षेत्रों को विशेष रूप से पहचानने में मदद करती है।

BIHAR HELP: 3. खतियान (Khatian):-

खतियान एक प्रकार का दस्तावेज़ या रिकॉर्ड है जो एक भूमि के मालिकाना हक और अन्य विवरणों को दर्शाता है। इसमें भूमि के मालिक, उनके द्वारा भूमि के उपयोग, और अन्य संबंधित विवरण शामिल होते हैं। खतियान भूमि रिकॉर्ड की महत्वपूर्ण जानकारी का संग्रह होता है और यह भूमि के स्वामित्व को प्रमाणित करने में उपयोगी होता है।

BIHAR HELP: 4. रजिस्टर डीड केवाला (Registered Deed Kewala):-

रजिस्टर डीड केवाला एक कानूनी दस्तावेज़ है जो संपत्ति के ट्रांसफर को प्रमाणित करता है। यह दस्तावेज़ आमतौर पर एक नॉटरी द्वारा प्रमाणित होता है और इसे भूमि रजिस्टर कार्यालय में रजिस्टर किया जाता है। रजिस्टर डीड केवाला भूमि की बिक्री, खरीदी, या अन्य प्रकार के ट्रांसफर के कानूनी प्रमाण के रूप में कार्य करता है।

BIHAR HELP: 5. रकवा संख्या (Rakwa Number):-

रकवा संख्या भूमि के क्षेत्रफल को दर्शाने वाली संख्या है। यह भूमि की माप और सीमा को रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग की जाती है। रकवा संख्या यह बताती है कि कितने एकड़ या बीघा में भूमि फैली हुई है और यह भूमि के आकलन और विभाजन में मदद करती है।

BIHAR HELP: BIHAR HELP: संक्षेप में:

  • खाता संख्या: भूमि खाता की पहचान।
  • खेसरा संख्या: भूमि के विशेष हिस्से की पहचान।
  • खतियान: भूमि के स्वामित्व और विवरण का रिकॉर्ड।
  • रजिस्टर डीड केवाला: संपत्ति ट्रांसफर का कानूनी प्रमाण।
  • रकवा संख्या: भूमि के क्षेत्रफल की पहचान।

इन दस्तावेज़ों और संख्याओं का सही और अद्यतित होना बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर जब किसी संपत्ति से संबंधित कानूनी कार्यवाही की जाती है।

BIHAR HELP: जमीन सर्वे क्या है :-

जमीन सर्वे (भूमि सर्वे) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसका उपयोग भूमि की स्थिति, सीमा, और आकार का निर्धारण करने के लिए किया जाता है। यहाँ लैंड सर्वे के पूरा प्रोसेस का विवरण दिया गया है:

BIHAR HELP: 1. प्रारंभिक योजना और तैयारी :-

  • लक्ष्य निर्धारण: सर्वे का उद्देश्य स्पष्ट करें (जैसे, भूमि के स्वामित्व की पहचान, नई विकास योजना, आदि), इससे आपको यह सटीक जानकारी होगी कि हमें सर्वे किस गहराई तक जाकर करना है। अगर सर्वे की जरूरत सिर्फ कुछ कामों के लिए है तो हमें सर्वे में ज्यादा रिसोर्स खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • डॉक्युमेंटेशन: पूर्व में उपलब्ध दस्तावेज, नक्शे और भूमि रिकॉर्ड एकत्रित करें। सर्वे एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है जिसमें मीना से लेकर सालों लग जाते हैं इसलिए भूमि संरक्षण के भीम काफी लंबे समय बाद की जाती है और संरक्षण की जाती है तो इस बात का ध्यान रखा जाता है कि पूर्ण उपलब्ध दस्तावेज नक्शा भूमि रिकॉर्ड कोई जमा कर अब तक जो भूमि में बालव आया है उसे दर्ज करना।

BIHAR HELP: 2. सर्वे की योजना बनाना :-

  • सर्वेयर चयन: एक योग्य सर्वेयर या सर्वे फर्म का चयन करें।
  • सर्वे के उपकरण: आवश्यक उपकरण जैसे कि कुल्हाड़ी, टेप, GPS, और लेजर डिस्टेंस मीटर इत्यादि तैयार करें।

BIHAR HELP: 3. साइट इंस्पेक्शन :-

  • भूमि की माप: वास्तविक स्थल पर जाकर भूमि की माप लें और उसका निरीक्षण करें।
  • सुरक्षा और अनुमति: सुनिश्चित करें कि आपको सर्वे करने के लिए सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त हैं और साइट पर सुरक्षा के नियमों का पालन हो रहा है।

BIHAR HELP: 4. डेटा कलेक्शन :-

  • पॉइंट्स और बॉर्डर: भूमि के विभिन्न पॉइंट्स और बॉर्डर को मापें और रिकॉर्ड करें।
  • कैडेस्ट्रल डेटा: भूमि के कैडेस्ट्रल डेटा (जैसे कि सीमा रेखाएँ, प्रमुख बिंदु) एकत्रित करें।

BIHAR HELP: 5. डेटा एनालिसिस :-

  • सिस्टम में डेटा एंटर: एकत्रित डेटा को सर्वे सॉफ्टवेयर में एंटर करें।
  • नक्शा बनाना: डेटा के आधार पर भूमि का सटीक नक्शा तैयार करें।

BIHAR HELP: 6. रिपोर्ट तैयार करना :-

  • सर्वे रिपोर्ट: सर्वे के निष्कर्षों और नक्शों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें।
  • सत्यापन: रिपोर्ट और नक्शों की सटीकता की पुष्टि करें।

BIHAR HELP: 7. सर्वे निष्कर्ष की प्रस्तुति :-

  • प्रस्तुति: रिपोर्ट और नक्शों को संबंधित अधिकारियों, क्लाइंट्स, या अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ साझा करें।
  • फीडबैक: प्राप्त फीडबैक के आधार पर किसी भी सुधार की आवश्यकता हो तो उसे लागू करें।

BIHAR HELP: 8. आवश्यक कानूनी और प्रशासनिक कार्यवाही :-

  • रजिस्ट्रेशन: यदि आवश्यक हो, तो सर्वे के परिणामों को भूमि रजिस्टर में दर्ज करें।
  • विवाद निवारण: अगर कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो उसे निपटाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

इस प्रक्रिया के दौरान सही और सटीक डेटा एकत्र करना और उसकी सटीकता की पुष्टि करना बेहद महत्वपूर्ण होता है ताकि भूमि से संबंधित किसी भी कानूनी या प्रशासनिक मुद्दे से बचा जा सके।

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